घूसखोर लेखपाल पर कार्यवाई के लिए धरना देने पहुंचे ग्रामीण
वर्षों से बसे ग्रामीणों को भी कब्जा हटाने की दे रहा धमकी
नाराज ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर किया प्रदर्शन, लेखपाल को गांव से हटाने की मांग
प्रियेश सिंह मौर्य
बहराइच। मधवापुर गांव के सैकड़ों ग्रामीण बुधवार को लेखपाल से परेशान होकर जिला मुख्यालय पहुंच गए। सभी ने कलेक्ट्रेट में नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया ग्रामीणों का कहना है कि भूमाफिया और अपात्रों को लेखपाल रुपए लेकर पट्टा दे रहा है। जबकि वर्षों से जमे ग्रामीणों से जमीन खाली करने की बात कर रहा है। ऐसे में डीएम मामले की जांच कराएं, साथ ही लेखपाल को गांव से हटाकर दूसरे की तैनाती करें।
विकासखंड मिहीपुरवा अंतर्गत ग्राम पंचायत मधवापुर जिला मुख्यालय से 90 किलोमीटर की दूरी पर जंगल के निकट बसा हुआ है। यहां के ग्रामीण लेखपाल लाल बहादुर शुक्ला से काफी परेशान है। गांव निवासी अशोक कुमार विश्वकर्मा की अगुवाई में सैकड़ों की संख्या में बुधवार को ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां सभी धरने पर बैठ गए। ग्रामीणों का कहना है कि गांव के कुछ अनुच्छेद व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने के लिए लेखपाल द्वारा 40 से 50 हजार रूपये घूस लेकर उन्हें पट्टा दिया जा रहा है। जबकि पात्र लोग पट्टा से वंचित रह गए। ग्रामीणों का कहना है कि गांव के भू माफियाओं से संपर्क कर लेखपाल द्वारा सरकारी जमीन को पैसे लेकर पट्टा बनाया जा रहा है। इतना ही नहीं वर्षों से आबादी की जमीन पर मकान बनाकर रह रहे ग्रामीणों को कब्जा छोड़ने की धमकी दे रहा है। जबकि ड्यूटी के लिए सैकड़ों लेखपाल और अधिकारी गांव आए, ग्रामीणों की जमीन को किसी ने गलत नहीं बताया। सभी का कहना है कि आज जरा जमीन ही गलत थी तो सरकार की ओर से उन्हें सरकारी क्यों दिया गया। ग्रामीण जार्विस का विरोध करते हैं तो सरकारी कर्मचारी का हवाला देकर लेखपाल मुकदमे में फंसाने की धमकी देता है, ऐसे में कभी भी स्थिति बिगड़ सकती है। सभी ने पात्रों को पट्टा दिलाने लेखपाल के कार्यों की जांच कराने और हल्का लेखपाल लाल बहादुर शुक्ला को गांव से हटा कर ब्लॉक के बाहर भेजे जाने की मांग की। ग्रामीणों के प्रदर्शन की सूचना पाकर नगर मजिस्ट्रेट शालिनी प्रभाकर ने धरना स्थल पहुंचकर ज्ञापन लिया। साथ ही उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस दौरान इंद्रदेव, रोशन, बुधई समेत अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।
तैनाती और विवाद का रहा नाता
लेखपाल लाल बहादुर शुक्ला पहले से ही विवादों में रहे हैं। मधवापुर से पूर्व उनकी तैनाती लालबोझा और अमृतपुर गांव में भी हुई थी। वहां भी तैनाती के दौरान लेखपाल विवादों में रहे। इसके बाद मधवापुर भेज दिया गया। इस समय लेखपाल को उर्रा ग्राम पंचायत का भी चार्ज दिया गया है। जिससे यहां के ग्रामीणों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।